Tuesday, May 08, 2007

पॉडभारती यानी अपनी बोली में अपनी बात

पॉडपत्रिका पॉडभारती का पहला अंक जारी कर दिया गया है। कार्यक्रम का संचालन किया है देबाशीष चक्रवर्ती ने और परिकल्पना है देबाशीष और शशि सिंह की।

इस प्रथम अंक में आप सुनेंगे।

हिन्दी चिट्ठाकारी ने अप्रेल 2007 में चार साल पूरे किये हैं। ये फासला कोई खास तो नहीं पर कई लोग इसी बिना पर पितृपुरुष और पितामह कहलाये जाने लगे हैं और अखबारों में छपने लगे हैं। पॉडभारती के लिये चिट्ठाकारी के इस छोटे सफर का अवलोकन कर रहे हैं लोकप्रिय चिट्ठाकार अनूप शुक्ला
गूगल के हिन्दी ट्रांसलिटरेशन टूल के प्रवेश से हिन्दी चिट्ठाकारी को एक नया आयाम मिला है। इस टूल के बारे में और जानकारी देंगे टेकगुरु रविशंकर श्रीवास्तव

मोहल्ला हिन्दी का एक नया पर चर्चित ब्लॉग है। यहाँ इरफान के हवाले से लिखे एक लेख ने ऐसा हंगामा बरपा किया कि हिन्दी चिट्ठाजगत ही ध्रुवों में बंट गया। बहस वाया सांप्रदायिकता लानत मलानत और एक दूसरे के गिरेबान तक जा पहूंची। मुहल्ला पर अविनाश के माफ़ीनामे तक से मामला अब तक ठंडा नहीं पड़ा। इसी संवेदनशील विषय पर सुनिये पॉडभारती के शशि सिंह की खास रपट।
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यही नहीं पॉडभारती के आगामी अंकों में आप भी शामिल हो सकते हैं। तो बिना हिचक अपने आईडियाज़ दें और सुनते रहें पॉडभारती।