भारतीय फुटबॉल में तो कभी कुछ ऐसा नहीं रहा जो हमें आकर्षित करे मगर एशियन फुटबॉल कंफेडरेशन की हिन्दी में जारी ये आधिकारिक वेबसाइट देखकर दिल गार्डेन-गार्डेन हो गया. आप भी देखिये... एशियन फुटबॉल कंफेडरेशन
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Anonymous
said...
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इन दिनों मुम्बई में एक बड़ी बहुराष्ट्रीय टेलीकॉम कंपनी में मैनेजरी कर रहा हूं। यहां अपनी भूमिका मोबाइल पर मूल्य वर्धित सेवाएं (Value Added Services) के लिए उपयोगी बॉलीवुड और क्षेत्रीय भाषाओं की सामग्री की पहचान और विकास की जिम्मेदारी है। वैसे ये काम भी मीडिया से जुड़ा है लेकिन थोड़े अलग मिजाज का है… जिसको समझने की कोशिश में हूं।
कर्मभूमि मुम्बई है लेकिन जड़े झारखंड के कोयला खदानों से होती हुई बिहार में सरयू नदी के तीर तक जाती है। भोजपुरी, नागपुरी व हिंदी मेरी कमजोरी… न… न… मेरी ताकत हैं. बच्चे मुझे बेहद पसंद हैं. उनकी एक मुस्कान मेरे लिए भारी से भारी तनाव में रामवाण साबित होता है. शायद भगवान ने इसीलिए एक प्यारे से बेटे वेदांत का बाप बना दिया है. घर में वेदांत की मां, मेरे माता-पिता और दो छोटे भाई हैं. बस हो गया यार… अब और क्या जानना चाहते हो?
2 comments:
sahii kahaa aapne. halaa.nki yeh merii samajh me.n nahii.n aayaa ki "anukoolan upadeshak" kyaa balaa hai.n.
kripayaa mere blog par kabhii aayiye.
kavyakala.blogspot.com
laxminarayan gupta
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