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धूम्रपान दृश्यों पर 2 अक्टूबर से प्रतिबंध

धूम्रपान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और सूचना मंत्रालय की बैठक के बाद यह फ़ैसला हुआ है कि दो अक्टूबर से फ़िल्मों और टीवी में धूम्रपान के दृश्यों पर प्रतिबंध लागू हो जाएगा. और जानिए...


>सिनेमा और टीवी के पर्दे पर सिगरेट के इस्तेमाल पर लगी रोक बेशक एक सराहनीय कदम है लेकिन धूम्रपान से होने वाले नुक़सानों के ख़िलाफ़ ऐसे क़दम तब तक नाकाफ़ी ही साबित होंगे जब तक कि इसकी जड़ यानी कि इसके निर्माण पर रोक न लगाई जाए. भला नैतिकता का यह कैसा पाठ कि एक तरफ तो हमारी सरकार ऐसी पाबंदियों कि बात करती है वहीं दुसरी तरफ तम्बाकू उद्योग से प्राप्त होने वाले भारी राजस्व को भी छोड़ना नहीं चाहती.<<

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नौकरी चाहिये तो हिन्दी पढ़ो

क्या आप जानते हैं महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री की नौकरी जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता आर.आर. पाटील इन दिनों क्या कर रहे हैं? इन दिनों वे अपनी हिन्दी सुधारने लगे हैं। आबा के नाम से मशहूर श्री पाटिल को मलाल है कि उनकी हिन्दी अच्छी नहीं होने के कारण उनके बयानों को गलत संदर्भ में लिया गया जिससे उनकी नौकरी चली गई। मतलब ये कि उन्होंने जो कुछ भी ग़लत हिन्दी में कहा उसका मतलब कुछ और था। (अब चलिये मतलब आप हिन्दी सीखकर कभी समझा दीजियेगा।) पूरा पढ़ें

मुम्बई ब्लॉगर मीट और बची हुई कलेजी

बाज़ार में हुई मारामारी के बीच मुम्बई ब्लॉगर मीट के भी खूब चर्चे रहे। वैसे तो सबने इस मीट को तेल-मसाला डालकर, छौंक-बघार लगाकर मजे से पकाया, खाया-खिलाया। बिना किसी परेशानी के इस मीट को लोग पचा भी गये… जो पचने से रह गया उसे अब तक तो सब संडास के भी हवाले कर चुके होंगे। अब आप कहेंगे कि जब सब कुछ हो चुका तो मैं मटियाने की जगह फिर से उस मीट को लेकर क्यों बैठ गया। अरे भैया, वो इसलिए कि जब मीट पक रहा था तभी मैंने कड़ाही में से कलेजी निकालकर कटोरी में डालकर फ्रीज में छूपा दिया था। आइये उस कलेजी का स्वाद चखें… बहुत दिनों तक चिट्ठाकारी की दुनिया में अंग्रेजन के इ दहेजुआ नगरी मुम्बई का झंडा उठाये-उठाये हमरा हाथ टटा गया था… बड़ा सकुन मिला जब हमरी कठपिनसिन की जगह प्रमोद भाई और अभय भाई जैसों की शानदार कलम ने ली। लगा जैसा धर्मवीर भारती और राजेन्द्र माथुर मुम्बई की प्रतिष्ठा बचाने मैदान में आ गये हों। हमरी खुशी को तो अभी अंधेरी लोकल की जगह विरार फास्ट की सवारी करनी थी। पता चला कि रफी साहब ने युनुस भाई का रूप धरा है और धीरूभाई की आत्मा अपने कमल शर्माजी के भीतर आ घूसी है। बड़ी तमन्ना थी इन महानुभवों से मिलन...